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MP के मुरैना में तहसीलदार और पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पकड़ाया फर्जी रजिस्ट्री कार्यालय ,41 रजिस्ट्री सील और कई दस्तावेज जप्त

सत्य खबर, मुरैना, प्रमोद व्यास :

मध्य प्रदेश में नए मुखिया डॉ मोहन यादव ने जैसे ही कमान संभाली है एक-एक करके भ्रष्टाचार घपले घोटाले की परते बाहर आने लगी है।

जी हाँ एमपी के मुरैना में राजस्व और पुलिस टीम ने मुरैना शहर में फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय पकड़ा है, जहां जमीनों की फर्जी रजिस्ट्रियां होती थीं।

पुलिस की टीम ने चार आरोपित दबोचे हैं, मास्टरमाइंड चकमा देकर भागने में सफल हो गया। मौके पर 41 नकली रजिस्ट्री के साथ दस्तावेज जप्त किये है। दस्तावेज में 10 साल पुरानी रजिस्ट्रियाें का रिकार्ड है। तहसीलदार कुलदीप दुबे की शिकायत पर कोतवाली थाने में देर शाम एफआइआर दर्ज हुई है।
फर्जी रजिस्ट्रियों के माध्यम से जो दस्तावेज तैयार हो रहे थे उनके नामांतरण नहीं हो पा रहे थे कलेक्टर से लेकर नगर निगम के अधिकारियों ने जब देखा की बार-बार नामांतरण निरस्त क्यों हो रहे हैं तो जानकारी मिली कि कहीं ना कहीं फर्जी रजिस्ट्री रैकेट चल रहा है इसी के बाद जांच पड़ताल चल रही थी और यह खुलासा हो गया, इसके बाद फर्जी रजिस्ट्री करने वालों की तलाश में प्रशासन की टीमें जुट गईं। गुरुवार की दोपहर तहसीलदार कुलदीप दुबे ने शहर के सभी हल्का पटवारियों व कोतवाली टीम को साथ लेकर गोपालपुरा की दीक्षित गली में एक घर में दबिश दी। इस मकान के एक हिस्से में फर्जी रजिस्ट्रार कार्यालय चलता मिला। मौके पर 40 नकली रजिस्ट्रियां, रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी व शाखाओं के नाम की 25 से ज्यादा सीलें, टाइप राइटर, स्टांप व रजिस्ट्री में उपयोग होने वाले कईयों तरह के फर्जी दस्तावेज पकड़े हैं। पूरे मध्य प्रदेश में मुरैना की घटना के बाद हड़कंप मच गया है पीके और भी कई जिलों में इस तरह के रिकॉर्ड चल रहे हैं जिसकी जांच अब शुरू कर दी गई है।

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